Positive impacts of corona virus – कोरोना वायरस के सकारात्मक प्रभाव

जब से कोरोना आया है तब से चारों और हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना वायरस की शुरुआत भले ही चीन से हुई हो लेकिन अब ये पूरी दुनिया में फेल चुका है और अपना रंग दिखा है लेकिन आप सुना होगा हर सिक्के के हमेशा दो पहलू होते हैं। बस वैसे ही कोरोना जैसे महासंकट में भी जाने-अनजाने कुछ ऐसी अच्छी बातें हो रही हैं, जो सामान्य दिनों में लाख कोशिश के बाद भी संभव नहीं हो पाती हैं और ना ही हो पाई है। वह चाहे पर्यावरण पॉल्युशन की बात हो, दुश्मनो के बीच दोस्ती की बात हो, अनुशासन की बात हो, महिलाओं की बात हो और चाहे वो अपराधों की बात है ऐसी ना जाने कितनी ही चीजें है जिनका हमारे जीवन में बहुत गहरा और सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। आइए जानते हैं, ऐसे ही कोरोना के कुछ सकारात्मक प्रभाव के बारे में जो रोजाना हमारे चेहरे पर मुस्कान ला रहे हैं.

वायरस ने बदली दुनिया की तस्वीर

वायरस की वजह से पूरे दुनिया में कोहराम मचा हुआ है, लाखों लोगों से भी ज्यादा की मौत हो चुकी है। यह वायरस अभी भी अपने पैर पसारता ही जा रहा है, कहीं थमता सा नहीं दिख रहा। दुनिया के लगभग सभी देश लॉकडाउन हैं। पूरी दुनिया रुक सी गई है। उद्योग, सड़कों पर गाड़ियां, लोगों का ट्रेवल करना बंद है और न जाने हमारे दैनिक जीवन में कितने बदलाव आए हैं और इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ रहा है। रोज रोज नई नई रिसर्च सामने आ रही है,उनमें सामने आया है कि प्रदूषण का स्तर घट रहा है, नदियां साफ हो रही हैं नदियों का पानी पीने लायक हो गया है, जिन नदियों को साफ करने के लिए सरकार अरबो रूपये खर्च करने बाद भी साफ़ नहीं हुई वो सब लॉक डाउन ने कर दिखाया और जहां अब मनुष्य घरो में कैद है वही सड़कों पर जंगली जानवर निकल आए हैं ,आजाद होकर घूम रहे है जो उनका हक़ है ,लेकिन इंसानों ने वो छीन लिया था उनसे शहरो में में भी सुबह सुबह पक्षी चहकते है, रात को आसमा में तारे टिमटिमाते दिखते है जो एक सपना सा हो गया था,शहरवासियों के लिए तो। कोरोना से लॉकडाउन पर सबसे अच्छा असर पर्यावरण पर ही रहा है आप मानो या ना मानो।

लोगो की मानवता जागी, मदद के लिए हाथ बढ़े

मदद के लिए हाथ बढ़ेअपने है की आते करे तो पीएम केयर फंड में दान करने से लेकर सड़कों पर उतर कर खाना खिलाने, गरीबों में राशन बांटने तक कोरोना वायरस से लड़ने वाले हमारे डॉक्टर्स, नर्स, पुलिस फाॅर्स, जवानो, सफाई कर्मचारियों सब का स्वागत करना उनके लिए हमदर्दी दिखाना उनकी और उनके परिवार की मदद करना ऐसी ही देश-दुनिया से दिल को छू लेने वाली तस्वीरें आ रही हैं जिनको देख कर दिल गार्डन गार्डन हो आता है।

अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों का आना हुआ कम

कोरोना का ऐसा खौफ है कि अब अस्पताल में मरीज की भीड़ ही नहीं हैं। हालत यह है कि लॉकडाउन के बाद से अस्पतालों के इमरजेंसी में मरीजों की संख्या कम हो गई है। क्योंकि जहां तक मुझे लगता है,सड़क दुर्घटना लगभग नगण्य है, पॉल्युशन कम हुआ है,साँस वाले मरीजों में भी कमी आयी होगी, हम लोगो ने बाहर का खाना खाना छोड़ दिया है इससे फ़ूड पॉइज़निंग में कमी आयी है और सड़क दुर्घटना से आने वाले मरीज भी कम हो गये है।

अपराध के ग्राफ में आई अप्रत्याशित गिरावट

जब से लॉक डाउन हुआ है तब से ही क्राइम रेट कम हो गया है। अलग-अलग श्रेणी के अपराधों की संख्या में 70 फीसदी गिरावट आई है। लूट-झपट और चोरी की घटनाएं न के बराबर हो रही हैं। हालत यह है ,थानों में अपराध से जुड़े मामले से अधिक लॉकडाउन उल्लंघन के केस दर्ज हुए हैं। पुलिस के पास अपराध के कम कोरोना संदिग्धों के लिए अधिक फोन आ रहे हैं। जमशेदपुर पुलिस के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी के, नाबालिग से दुष्कर्म, बहला-फुसलाकर नाबालिग के अपहरण, हत्या, चोरी और कुछ घरेलु हिंसा के मामले दर्ज किए गए है। अपराध में अचानक कमी होने का मुख्य कारण लोगों का घरों में रहना और पुलिस का 24 घंटे सड़क पर होना है।

दोस्त बने दुश्मन देश

कोरोना वायरस से निपटे के लिए हर देश अपने अपने स्तर पर कमर कस राखी है पूरी दुनिया में लॉक डाउन है और सब देश मिल कर एक दूसरे की मदद कर रहे है, जैसे भारत ने अमेरिका और दूसरे देशो को दवाई भेजी है, वैसे ही चीन भी कोरोना वायरस टेस्टिंग किट और PPE किट अन्य देशों को भेज रहा है।

अनुशासन की आदत

#कोरोना के डर ने चाहे-अनचाहे हमें अनुशासित भी किया है।जितनी देर दुकानें खुलती है,उसी टाइम सामान लाना, सोशल डिस्टैंसिंग का ध्यान रखना, बाहर से आकर साबुन से अच्छे से हाथ धोना ये सब आम बात हो आयी हैं।

घरेलू महिलाओं को ऐसा आराम कहां

घरेलू महिलाओं के लिए लॉकडाउन किसी वरदान जैसा साबित हो रहा है,न पति ऑफिस जा रहे, न बच्चे स्कूल। चूंकि पति घर में हैं तो वह किचन में भी मदद कर रहे हैं और बच्चे संभालने में भी। जीवन में इतना चैन फिर कहां नसीब होने वाला है!

परिवार का महत्व

अब लॉक डाउन की वजह से सब लोग पुरे दिन एक साथ रह रहे है माँ, पापा, बच्चे सबको एक दूसरे को जानने का समय मिल गया है किसी को शिकायत नहीं होगी इस टाइम, कि मेरे लिए समय नहीं है, सब एक साथ बैठकर खाना भी खाते है, रामायण और महाभारत से संस्कृति से जुड़े टीवी सीरियल्स का भी लुफ्त उठा रहे है, कोई घर में खाना बनाना सिख रहा है तो कोई डांस करना चित्रकला योग करना सब अपनी अपनी संस्कृति की जानने की उसे अपनाने की कोशिश कर रहे है। ये अपने आप में अद्भुत है।

दुनियाभर में प्रचारित हुआ ‘नमस्ते’

‘नमस्ते’ कोरोना का संक्रमण फैलने के डर से दुनिया में हाथ मिलाने की परंपरा को झटका लगा और भारतीय संस्कृति में अभिवादन की परंपरा ‘नमस्ते’ को बढ़ावा मिला।

शौक पूरा करने का मौका

लॉकडाउन में अपनी-अपनी हॉबी पूरा करने का भी मौका मिल गया है। किताबों के शौकीन पढ़ने में जुटे हैं तो कुछ अपनी पसंद के #ऑनलाइन कोर्स कर रहे हैं। कोई घर में खाना बनाना सिख रहा है तो कोई डांस करना चित्रकला योग करना सब अपनी अपनी संस्कृति की जानने की उसे अपनाने की कोशिश कर रहे है।

बच्चों के लिए ऐसा मौका कभी नहीं

बच्चों के लिए ऐसा मौका न कभी था न शायद होगा, लॉकडाउन में बच्चों को ना स्कूल जाना है और न ही #ट्यूशन। ऐसा मौका कहां मिलने वाला। पढ़ाई से कन्नी काटने वाले बच्चों के लिए तो #लॉकडाउन बड़ी राहत है।

अच्छे से हाथ धोने की परंपरा


जिस तरह 26/11 के मुंबई हमले के बाद हर होटलों, किराये के मकानों आदि में पहचान की पुष्टि अनिवार्य हो गई, उसी तरह संभव है कि अच्छे से हाथ धोने की आदत भी कायम रह जाए।

पड़ोसियों से बढ़ी मेलजोल

जिन पड़ोसियों के बारे में वर्षों से पता नहीं, जिनका चेहरा देखे लंबा वक्त बीत गया, अब उनके साथ मेल-मिलाप का वक्त मिल गया। एक-दूसरे से फुर्सत में बातचीत कर रहे हैं। अब वे एक-दूसरे से वाई-फाई के #पासवर्ड शेयर कर रहे हैं। बाकी परेशानियों में भी मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं।

टेक्नोलॉजी का सही उपयोग

अभी भी आईटी वाले वर्क फ्रॉम होम कर रहे है,टेक्नोलॉजी का सही से इस्तेमाल कर रहे है, ग्रुप डिस्कशन, कॉन्फ़्रेश कॉल या फिर सॉफ्टवेयर के द्वारा वीडियो कॉल से करते है कोई प्रॉब्लम आती है तो अपनी स्क्रीन शेयर करके सॉल्यूशन निकलते है।
जैसे अपने देश के प्रधानमंत्री जी भी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियो से वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात करते है हालत का जायजा लेते है। बाकी सब लोग भी अपने जो दूर है उनसे वीडियो कॉल पर बात कर लेते है। हालाँकि ये सब पहले से भी हो रहा है लेकिन अब ये हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है।

आप को ये लेख केसा लगा कमेंट करके जरूर बताये और आप भी अपने व्यूज लिख सकते है कोरोना वायरस से कर।

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