इमली खाने के फायदे और नुकसान Imli Khane Ke Fayde or Nuksan in Hindi

इमली का नाम सुनते ही मन में खट्टे-मीठे का स्वाद आया ना और ये स्वाद आया कहा से क्युकी आप ने बचपन में बहुत इमली खाई होगी और हो सकता है अभी भी आप खाते हों लेकिन क्या आप इससे होने वाले फायदों और नुक्सान के बारे में जानते हैं? इमली खाने से इतने फायदे होते हैं जिनके बारे में जानकर आप यकीन नहीं कर पाएंगे लेकिन साथ साथ ज्यादा इमली खाने के नुकसान भी होते है तो आइये जानते है इमली खाने से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में।

इमली के बारे में – About Imli

इमली एक फलदार वृक्ष है जो खाने योग्य फल देता है जो उष्णकटिबंधीय अफ्रीका के लिए स्वदेशी है। इमली का पेड़ फली की तरह फल पैदा करता है जिसमें दुनिया भर के व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला भूरा, खाने योग्य गूदा होता है। लुगदी का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा और धातु की पॉलिश के रूप में भी किया जाता है। इमली एक ऐसा फल है जिसे बच्चे के गले में डालने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता है! स्वादिष्ट स्पर्श, इमली ज्यादातर लोगों के लिए एक पसंदीदा और एक आरामदायक भोजन है जो वयस्कों को कभी-कभी खुद को बहुत पसंद होता है

वैकल्पिक नाम |Alternate Names

  • इमली का वनस्पति शास्त्र में नाम: तामरिंदस इंडिका | Tamarind Indica
  • इमली का अंग्रेजी नाम: तामरिंद | Tamarind
  • इमली का संस्कृत नाम: अम्लिका

Benefits and Side effects (disadvantage) of eating Tamarind in hindi

इमली खाने के फायदे – Benefits of tamarind

आमतौर पर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में क्षेत्रीय व्यंजनों में एक स्वादिष्ट मसाले के रूप में इमली का प्रयोग किया जाता है। खास तौर पर रसम, सांभर, वता कुज़ंबू (Vatha Kuzhambu), पुलियोगरे इत्यादि बनाते वक्त इमली इस्तेमाल होती है और कोई भी भारतीय चाट इमली की चटनी के बिना अधूरी ही है। यहां तक कि इमली के फूलों को भी स्वादिष्ट पकवान बनाने के उपयोग में लिया जाता है।

  1. इमली आपके दिल के लिए बहुत अच्छी है क्योंकि यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करती है। यह आपके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और रक्त को पतला करने का काम भी करता है।
  2. इमली कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है।
  3. मोटापे का रोजाना सेवन करना मोटेपे से छुटकारा दिलाता है। इमली में हाइड्रॉक्सी साइट्रिक एसिड नामक एक यौगिक होता है जो आपके शरीर में एक एंजाइम को वसा के भंडारण से रोकता है।
  4. इमली में बी विटामिन थियामिन होता है जो तंत्रिकाओं के उचित कार्य और मांसपेशियों के विकास के लिए आवश्यक है।
  5. इमली सूजन को कम करने में प्रभावी है क्योंकि इसमें उच्च स्तर के टैटारिक एसिड, एक मजबूत एंटीऑक्सिडेंट है, जो मुक्त कणों का कम काम करता है।
  6. मधुमेह के लिए एक अच्छा उपाय है क्योंकि यह आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है. यह शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स को एबजॉर्ब होने से रोकती है
  7. यह जोड़ों में दर्द, गठिया दर्द, गठिया और यहां तक ​​कि आमवाती स्थितियों में दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
  8. अगर किसी इंसान को बिच्छू काट ले तो उस समय भी इमली का इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर बिच्छू काट ले तो इमली के दो टुकड़े कर के बिच्छू की काटी हुई जगह पर इसे लगा दे, फायदा होगा
  9. अगर आपकी इम्यूनिटी बहुत कमजोर है और आप कुछ भी काम करने में जल्दी थक जाते हैं या जल्दी बीमार होते हैं तो आपको इमली जरूर खानी चाहिए. इमली में विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बेहतर करते हैं.
  10. गर्मियों में अक्सर लू लग जाने से तबीयत खराब हो जाती है. लू से बचने में भी इमली फायदेमंद होती है. एक ग्लास पानी में 25 ग्राम इमली भिगोकर इसका पानी पीने से लू नहीं लगती. इसके अलावा इमली का गूदा हाथ- पैर के तले पर लगाने से लू का असर खत्म हो जाता है.
  11. इमली के पत्तों को पीलिया के इलाज में भी उपयोग में भी किया जाता है।

इमली के नुकसान – Imli ke Nuksan in Hindi

  1. इमली से रक्तस्राव का जोखिम बढ़ सकता है और अगर इमली का सेवन कुछ दवाओं के साथ किया जाए तो बेहद खतरनाक हो सकता है जैसे एस्पिरिन, इब्यूप्रोफन, नेपरोक्सन आदि
  2. जिन लोगों को इमली के सेवन से एलर्जी होती है उन्हें त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सूजन, चक्कर, बेहोशी, उल्टी, सांस की तकलीफ आदि जैसे लक्षण हो सकते हैं।
  3. इमली का गूदा इसके रेचक (laxative) गुणों के लिए जाना जाता है। अगर आप पहले से ही किसी अन्य रेचक उत्पाद का उपयोग कर रहे हैं, तो आपको इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
  4. जो लोग गले में खराश की समस्या से ग्रस्त रहते हैं उन्हें इमली की तरह अत्यधिक अम्लीय खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए।
  5. इमली विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है। इसके अधिक सेवन से रक्त में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है। अधिक एस्ट्रोजन का स्तर गर्भाशय में संकुचन और ब्लीडिंग पैदा कर सकता है। इसलिए गर्भपात से बचने के लिए, गर्भवती महिलाओं को विटामिन सी युक्त फल और सब्जियों की खपत को सीमित करने की सलाह दी जाती है।

Note: कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें

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