गिलोय के बारे में – About Giloy
गिलोय एक जड़ी बूटी है जो आयुर्वेद में महत्वपूर्ण है और इसे जड़ी बूटियों की रानी माना जाता है। इसका उपयोग आयुर्वेद में सदियों से विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। कुछ बीमारियां हैं जो गिलोय ठीक नहीं कर सकती हैं। गिलोय की एक बहुवर्षीय लता होती है। इसके पत्ते पान की तरह के होते है। आयुर्वेद में इसको कई नमो से जाना जाता है। जैसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी आदि। गिलोय इतनी गुणकारी है की इसका नाम अमृता रखा गया है। गिलोय की लता जंगलो, खेतो की मेंड़ो, पहाड़ो की चट्टानों आदि स्थानो पर सामान्यतया कुंडलाकार चढ़ती पाई जाती है।
गिलोय की पत्तिया नीम और आम के पेड़ो के आस पास पाई जाती है। जिस वृक्ष को यह अपना आधार बनाती है, उसके गुण भी इसमें समाहित रहते है। इस प्रकार से नीम पर चढ़ी गिलोय सबसे श्रेष्ठ ओषधि मानी जाती है। गिलोय को अपने घर के गमले में लगा क्र रस्सी से उसकी लता को बांध सकते है। इसके बाद इसके रस का प्रयोग कर सकते है। गिलोय एक दवाई के रूप में जानी जाती है।
Where is Giloy found – गिलोय कहाँ पाया जाता है
गिलोय भारत, म्यांमार और श्रीलंका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में स्वदेशी परिवार मेनिस्पर्मेसी का एक विशाल बेल है। गिलोय पूरे भारत में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक शानदार, चढ़ाई वाली झाड़ी है।
Significance of Giloy in Ramayan – रामायण में गिलोय का महत्व
गिलोय की पवित्र उत्पत्ति का वर्णन भारतीय महाकाव्य, रामायण और दुर्गा सप्तशती के पवित्र पाठ में किया गया है। वैहिंदू पौराणिक कथाओं में गिलोय के विभिन्न उल्लेख हैं। रामायण में भगवान राम ने बंदरों की सेना के साथ रावण को हराया था। इससे भगवान इंद्र भगवान राम से इतने खुश हुए कि उन्होंने मृत बंदरों को जीवित करने के लिए अमृत छिड़क दिया। वानर के शरीर से अमृत की कुछ बूंदें और उनसे गुडुची छिड़की गई। इसीलिए इसे अमृता कहा जाता है कि यह मृत नहीं हो सकती। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब अमृता से भरा बर्तन समुद्र से बाहर आया, तो राक्षस उसे ले गए और भाग गए। इसलिए दौड़ते समय अमृता की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर गईं और एक चढ़ाई की जड़ी बूटी का रूप ले लिया जिसे गिलोय के नाम से जाना जाता है।
Benefits and side effects(disadvantage) of Eating Heart-leaved moonseed in hindi
Giloy Ke Fayde – गिलोय के फायदे
- गिलोय एक जड़ी बूटी है जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती है
- गिलोय तेज बुखार से छुटकारा पाने में मदद करता है
- गिलोय पाचन सुधारने और आंत्र संबंधी समस्याओं के इलाज में बहुत फायदेमंद है
- गिलोय एक हाइपोग्लाइकेमिक एजेंट के रूप में कार्य करता है और मधुमेह के इलाज में मदद करता है।
- गिलोय विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करता है, स्मृति को बढ़ाता है, आपको शांत करता है और अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिलकर एक उत्कृष्ट स्वास्थ्य टॉनिक बनाता है।
- गिलोय अक्सर खांसी, सर्दी, टॉन्सिल जैसी श्वसन समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
- गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-गठिया गुण होते हैं जो गठिया और इसके कई लक्षणों का इलाज करने में मदद करते हैं।
- गिलोय दमा के लक्षणों को कम करता है
- गिलोय का पौधा आँखों पर लगाया जाता है क्योंकि यह आखो की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है।
- गिलोय के पौधे में एंटी-एजिंग गुण होते हैं जो डार्क स्पॉट, पिंपल्स, फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं।
- गिलोय कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करता है
- गिलोय तनाव दूर करने में मदद करता है
- गिलोय ले सेवन से पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार होता है।
- गिलोय के नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित होता है।
- हमेशा जवां दिखने के लिए नियमित रूप से गिलोय का सेवन करना चाहिए
Giloy Ke Nuksan – गिलोय के नुकसान
- गिलोय का सेवन करने से कब्ज और पेट में जलन होती है।
- गिलोय रक्त शर्करा के स्तर को भी कम कर सकता है।
- गिलोय का सेवन करते समय मधुमेह के रोगियों को सतर्क रहना चाहिए।
How to make Giloy Kadha at home – घर पर गिलोय कढ़ा कैसे बनाएं
गिलोय का काढ़ा बनने के लिए इमामदत्ता में गिलोय के एक टुकड़ा, 4-5 तुलसी की पत्तियां, 2 काली मिर्च, थोड़ी सी कच्ची हल्दी, थोड़ी अदरक, थोड़ी अश्वगंधा डालकर कूट लें। इसके बाद एक पैन में 2 गिलास पानी डालकर गर्म करें और इसमें यह कूटी हुई सामग्री डाल देंगे । अब धीमी आंच में पकाएगे । जब पानी आधा बचे तब गैस बंद करके इसे कप में छान लेंगे और हल्का गुनगुना होने पर इसका सेवन करना चाहिए । एक बार में आधा से एक गिलास पिया जा सकता है।
Cultivation of Giloy – गिलोय की खेती
गिलोय एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसका उपयोग प्राचीन काल से भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। यह विभिन्न रोगों के उपचार के लिए आयुर्वेद में बड़े पैमाने पर है। यह एक लता है जो उष्णकटिबंधीय जलवायु में बढ़ता है।
Nutritional Value of Giloy – गिलोय का पोषण मूल्य
गिलोय में एक असंख्य बीमारियों का इलाज करने की क्षमता है यह पोषक तत्वों में उच्च है। यह अल्कलॉइड में प्रचुर मात्रा में होता है। गिलोय में पाए जाने वाले अन्य जैव-रासायनिक पदार्थ स्टेरॉयड, फ्लेवोनोइड, लिग्नेंट, कार्बोहाइड्रेट हैं। इसकी उच्च पोषक तत्व सामग्री के कारण, गिलोय का उपयोग कई हर्बल, आयुर्वेदिक और आधुनिक दवाओं के निर्माण के लिए किया जाता है।