पत्तल में भोजन करने के अद्भुत लाभ – Amazing benefits of eating in Pattal Plates

आज हम बात करेंगे पत्तलों में खाना खाने के लाभ की लेकिन उस से पहले जान लेते है पत्तल होती क्या है पत्तल यानि पत्तों से बनी हुई पत्तल और खाने का दोना जो पतों से बना हुआ होता है उसे पटल कहते है।

पत्तल में भोजन करने के अद्भुत लाभ – Amazing benefits of eating in Pattal Plates

  1. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे देश मे 2000 से अधिक वनस्पतियों की पत्तियों से तैयार किये जाने वाले पत्तलों और उनसे होने वाले लाभों के विषय मे पारम्परिक चिकित्सकीय ज्ञान उपलब्ध है पर मुश्किल से पाँच प्रकार की वनस्पतियों का प्रयोग हम अपनी दिनचर्या मे करते है।
  2. आम तौर पर केले की पत्तियो मे खाना परोसा जाता है। प्राचीन ग्रंथों मे केले की पत्तियो पर परोसे गये भोजन को स्वास्थ्य के लिये लाभदायक बताया गया है। आजकल महंगे होटलों और रिसोर्ट मे भी केले की पत्तियों का यह प्रयोग होने लगा है।
  3. सुपारी के पत्तों से बनाई गई प्लेट, कटोरी व ट्रे जिनमे भोजन करना स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है
    जिसे प्लास्टिक, थर्माकोल के ऑप्शन में उतरा गया है क्योंकि थर्माकोल व प्लास्टिक के उपयोग से स्वास्थ्य को बहुत हानि भी पहुँच रही है।
  4. सुपारी के पत्तों यह पत्तल केरला में बनाई जा रही हैं और कीमत भी ज्यादा नही है, तक़रीबन 1.5, 2, रुपये साइज और क्वांटिटी के हिसाब से अलग अलग है
  5. पलाश के पत्तल में भोजन करने से स्वर्ण के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है।
  6. केले के पत्तल में भोजन करने से चांदी के बर्तन में भोजन करने का पुण्य व आरोग्य मिलता है।
  7. रक्त की अशुद्धता के कारण होने वाली बीमारियों के लिये पलाश से तैयार पत्तल को उपयोगी माना जाता है। पाचन तंत्र सम्बन्धी रोगों के लिये भी इसका उपयोग होता है। आम तौर पर लाल फूलो वाले पलाश को हम जानते हैं पर सफेद फूलों वाला पलाश भी उपलब्ध है। इस दुर्लभ पलाश से तैयार पत्तल को बवासिर (पाइल्स) के रोगियों के लिये उपयोगी माना जाता है।
  8. जोडो के दर्द के लिये करंज की पत्तियों से तैयार पत्तल उपयोगी माना जाता है। पुरानी पत्तियों को नयी पत्तियों की तुलना मे अधिक उपयोगी माना जाता है।
  9. लकवा (पैरालिसिस) होने पर अमलतास की पत्तियों से तैयार पत्तलो को उपयोगी माना जाता है।

पत्तलों से अन्य लाभ

  1. सबसे पहले तो उसे धोना नहीं पड़ेगा, इसको हम सीधा मिटटी में दबा सकते है।
  2. पत्तल को धोना नहीं पड़ेगा मतलब सीधे सीधे पानी की बचत होगी।
  3. पत्तल को धोना साफ नहीं करना पड़ेगा तो ना ही कामवाली रखनी पड़ेगी इस से मासिक खर्च भी बचेगा।
  4. पत्तल को धोना साफ नहीं करना पड़ेगा तो ना ही केमिकल उपयोग करने पड़ेंगे और ना ही तुम्हारा केमिकल का खर्चा होग।
  5. केमिकल के उपयोग नहीं करेंगे तो ना ही केमिकल द्वारा शरीर को आंतरिक हानि पहुंचेग।
  6. अधिक से अधिक वृक्ष उगाये जायेंगे, जिससे कि अधिक आक्सीजन भी मिलेगी।
  7. प्रदूषण भी घटेगा।
  8. सबसे महत्वपूर्ण झूठे पत्तलों को एक जगह गाड़ने पर, खाद का निर्माण किया जा सकता है, एवं मिटटी की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है।
  9. पत्तल बनाने वालों को भी रोजगार प्राप्त होगा।
  10. सबसे मुख्य लाभ, आप नदियों को दूषित होने से बहुत बड़े स्तर पर बचा सकते हैं, जैसे कि आप जानते ही हैं कि जो पानी आप बर्तन धोने में उपयोग कर रहे हो, वो केमिकल वाला पानी, पहले नाले में जायेगा, फिर आगे जाकर नदियों में ही छोड़ दिया जायेगा। जो जल प्रदूषण में आपको सहयोगी बनाता है।

आजकल हर जगह भंडारे, विवाह शादियों, birthday पार्टियों में डिस्पोजल की जगह इन पत्तलों का प्रचलन करना चाहिए।
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